Symptoms and Remedies of Dengue Fever !!
डेंगू के लक्षण व बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय !!
Dengue (pronounced DENgee) fever is a painful, debilitating mosquito-borne disease caused by any one of four closely related dengue viruses. These viruses are related to the viruses that cause West Nile infection and yellow fever.
Dengue fever is transmitted by the bite of an Aedes mosquito infected with a dengue virus. The mosquito becomes infected when it bites a person with dengue virus in their blood. It can’t be spread directly from one person to another person.
Symptoms of Dengue Fever
Symptoms, which usually begin four to six days after infection and last for up to 10 days, may include
- Sudden, high fever
- Severe headaches
- Pain behind the eyes
- Severe joint and muscle pain
- Nausea
- Vomiting
- Skin rash, which appears three to four days after the onset of fever
- Mild bleeding (such a nose bleed, bleeding gums, or easy bruising)
Remedies or treatment :-
There is no specific treatment. Most people with dengue recover within 2 weeks. Until then, drinking lots of fluids, resting and taking non-aspirin fever-reducing medicines might help. People with the more severe forms of dengue usually need to go to the hospital and get fluids.
डेंगू से बचाव और उपचार के बारे में !!
आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, जिससे कई लोगों की जान जा रही है
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है की उसे कोई भी कर सकता है
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है की उसे कोई भी कर सकता है
अगर आप अपने घर और आसपास की जगहों पर इन सावधानियों को बरतेंगे तो डेंगू से बचाव आपके लिए आसान हो जाएगा।
डतीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है
डेंगू से बचाव के उपाए !!
यदि आपके किसी भी जानकार को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
- अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संक्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l
यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
- यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
- यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
डेंगू से बचने के लिए बरतें सावधानियां ..
- जिन बर्तनों में पानी रखा जाता है उन पर हमेशा ढक्कन लगा कर रखें।
- कूलर में पानी जमा न रहने दें, उसकी नियमित सफाई करें।
- डेंगू से घटे प्लेटलेट्स की भरपाई करेगी ये डाइट
- वॉश बेसिन, सिंक, नालियां जहां भी धुलाई-सफाई का काम होता है वे जगहें साफ व सूखी रखें।
- कई दिनों तक किसी भी बर्तन में पानी भरकर न रखें। एक हफ्ते के भीतर उसे बदलते रहें।
- खराब हो चुकी वस्तुओं जैसे टायर, नारियल के खोल, बोतलें आदि को फेंक दें या नष्ट कर दें।
- छत, छज्जे आदि पर भी बरसात का पानी जमा न होने दें।
- मच्छर मारने की दवाओं का प्रयोग करें।
- डेंगू संक्रमित मच्छर दिन के वक्त काटता है, इसलिए अच्छा हो कि आप दिन के समय नमी वाली जगहों पर न जाएं और पूरे शरीर को ढंकने वाले वस्त्र पहनें।
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है | रोगी के खान पान का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि बिना खान पान कोई दवाई असर नहीं करती l
डतीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है
डेंगू से बचाव के उपाए !!
यदि आपके किसी भी जानकार को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
- अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संक्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l
यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
- यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
- यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
डेंगू से बचने के लिए बरतें सावधानियां ..
- जिन बर्तनों में पानी रखा जाता है उन पर हमेशा ढक्कन लगा कर रखें।
- कूलर में पानी जमा न रहने दें, उसकी नियमित सफाई करें।
- डेंगू से घटे प्लेटलेट्स की भरपाई करेगी ये डाइट
- वॉश बेसिन, सिंक, नालियां जहां भी धुलाई-सफाई का काम होता है वे जगहें साफ व सूखी रखें।
- कई दिनों तक किसी भी बर्तन में पानी भरकर न रखें। एक हफ्ते के भीतर उसे बदलते रहें।
- खराब हो चुकी वस्तुओं जैसे टायर, नारियल के खोल, बोतलें आदि को फेंक दें या नष्ट कर दें।
- छत, छज्जे आदि पर भी बरसात का पानी जमा न होने दें।
- मच्छर मारने की दवाओं का प्रयोग करें।
- डेंगू संक्रमित मच्छर दिन के वक्त काटता है, इसलिए अच्छा हो कि आप दिन के समय नमी वाली जगहों पर न जाएं और पूरे शरीर को ढंकने वाले वस्त्र पहनें।
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है | रोगी के खान पान का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि बिना खान पान कोई दवाई असर नहीं करती l