कोरोना से जुड़ी हुई भ्रांतियां और उनकी सच्चाई,कोरोनावायरस का इलाज
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कोरोना (COVID-19] के लक्षण,संचरण व बचाव के उपाय |जाने हमारे साथ ।
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कोरोना वायरस क्या है ? जाने हमारे साथ । कोरोना,कोरोनावाइरस , वाइरस
वर्तमान में कोरोनावायरस एक बहुत बड़ी समस्या बनकर हम सबके सामने खड़ा हुआ है और इस वजह से कोरोना के को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाई जा रही है कोराना से जुड़ी हुई भ्रांतिया और उनकी सच्चाई क्या है. जाने हमारे साथ |
कोरोना वायरस गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में ज्यादा फैलता है ?
अब तक के घटनाक्रम को देखा जाए तो ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिल सका है जिससे यह साबित हो कि कोरोनावायरस पर जलवायु का कोई प्रभाव पड़ता है| कोरोना वायरस गर्म क्षेत्र में भी फैला हुआ है और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में भी फैला हुआ है | लेकिन ऐसा माना जाता है कि किसी भी प्रकार का वायरस 40 डिग्री से अधिक के तापमान में नहीं रह सकता और कोरोना भी एक प्रकार का वायरस है तो कुछ मात्रा में विश्वास किया जा सकता है कि अधिक गर्मी होने पर कोरोनावायरस का प्रभाव कुछ हद तक कम होगा | साथ ही हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोनावायरस ने अपने आप में कुछ परिवर्तन किए जिससे कि यह अधिक जटिल और घातक बनकर सामने आया है तो अभी यह देखना बाकी है कि तापमान का इस पर कितना अधिक प्रभाव पड़ता है | लेकिन यह माना जा सकता है कि आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में वायरस को फैलने के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां मिल सकती है |
ठंड के मौसम में कोरोना वायरस पर निष्क्रिय हो जाता है |
यह भी माना जा रहा है कि ठंड का मौसम नए कोरोनावायरस और इसी प्रकार की अन्य बीमारियों के प्रभाव को कम कर सकता है | हमें यह ध्यान रखना होगा कि हमारे शरीर का सामान्य तापमान सदैव 36 डिग्री सेंटीग्रेड से 3७ डिग्री सेंटीग्रेड बना रहता है | इसलिए ऐसा मानना की ठंड वाले मौसम में कोरोनावायरस का प्रभाव कम होगा तो इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है |
गर्म पानी से नहाने से कोरोनावयरस का प्रभाव कम होता है |
अगर आप ऐसा मानते हैं कि गर्म पानी से नहाने से आप कोरोना वायरस पर प्रतिबंध लगा पाएंगे, तो ऐसा बिलकुल सही नहीं है और इसके अतिरिक्त गर्म पानी से नहाने से या बेहद गर्म पानी से नहाना आपके शरीर को जला सकता है | इसलिए हम तो यही कहना चाहेंगे कि कोरोनावायरस से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप साफ सफाई का ध्यान रखें। बाहर आने जाने से बचे और निश्चित समय अंतराल के बाद साबुन या अल्कोहल आधारित सेनेटाइजर से अपने हाथो को धोते रहे |
कोरोना वायरस मच्छर के काटने से फैल रहा है |
कुछ लोगों का यह मानना है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के यदि कोई मच्छर काटता है और वही मच्छर फिर स्वस्थ व्यक्ति के काटता है तो इस प्रकार से भी कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है और यह भी सत्य है कि कोरोनावायरस को मच्छर द्वारा फैलाया नहीं जा सकता ' हम आपको बताएं कि कोरोनावायरस मुख्य रूप से एक एयरबोर्न वायरस है , जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली पानी की बूंदों के माध्यम से फैलता है तो ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है कि कोरोनावायरस मच्छर के काटने से फैलता है |
क्या कोरोनावायरस को मारने में अल्ट्रा वॉइलेट किरणे प्रभावी है ?
कोरोनावायरस को बचने का सिर्फ और सिर्फ एकमात्र तरीका है कि आप संक्रमित व्यक्ति से बचे 'भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचे और अपना ध्यान रखें | अल्ट्रावायलेट किरणों के माध्यम से वायरस को मारा जा सकता है ऐसा मानने का भी कोई कारण नहीं है बल्कि अगर आप अपने हाथों और त्वचा पर अल्ट्रा वॉइलेट किरणों का प्रयोग करते हैं तो वह आपकी त्वचा में बहुत सारे साइड इफेक्ट पैदा कर सकता है जैसे कि आपकी त्वचा में जलन पैदा कर सकता है | इसलिए इस प्रकार की भ्रांति से बचे |
कोरोनावायरस के संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए थर्मलस्केनर सबसे अधिक प्रभावी हैं |
यह भी एक प्रकार की भ्रांति ही कही जाएगी कि थर्मल स्केनर के माध्यम से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाया जा सकता है | कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण रोगी को तेज बुखार होता है और उसके शरीर का तापमान सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ जाता है | इस कारण थर्मल स्केनर के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का तापमान कितना है ? लेकिन उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण है या नहीं ,यह आप निश्चित तौर पर इससे ज्ञात नहीं कर सकते बल्कि इसके लिए आपको जांच का ही सहारा लेना होगा |
क्या निमोनिया का टीका आपको कोरोना वायरस से बचा सकता है ?
ऐसा भी मानने का कोई कारण नहीं है कि जो टीके निमोनिया के खिलाफ काम में लाए जाते हैं जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन , हिमोफिलस इन्फ़्लुएन्ज़ा टाइप बी (एच् आई बी )वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काम नहीं करते यह वायरस बिलकुल नया है और इसके लिए टीके बनाने का प्रयास चल रहा है लेकिन उसमें थोड़ा समय लगने की संभावना है |
शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव करने से आप कोरोना वायरस से बच सकते हैं |
बिल्कुल नहीं | ऐसा बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अगर आप अपने पूरे शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव करते हैं तो ऐसा करना आपकी त्वचा वआंखों के लिए काफी हानिकारक होगा | अल्कोहल और क्लोरीन केवल कीटाणु रहित सतह के लिए उपयोगी हो सकते हैं , लेकिन उन्हें शरीर पर इस्तेमाल करने की कोई आवश्यकता नहीं है |
क्या लहसुन खाने और शराब पीने से कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है?
लहसुन खाने और शराब पीने से कोरोनावायरस से को रोकने में कोई मदद नहीं मिल सकती है | वर्तमान समय में हम देख रहे है कि काफी मात्रा में लहसुन का प्रयोग करने वाले लोगों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया | ऐसा ही अल्कोहल के मामले में भी है |
नियमित रूप से गर्म पानी से गरारे करने से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है |
इसका कोई सबूत तो नहीं है लेकिन तक यह माना जा सकता है कि इसके माध्यम से आप कोरोना वॉइस के संक्रमण को कुछ हद तक कम कर सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण आपकी नाक और मुंह के माध्यम से ही आपके शरीर में प्रवेश करता है तो अगर आप इन 2 अंगों की सफाई नियमित रूप से करते रहे तो आप कुछ हद तक उस खतरे से बच सकते हैं |
क्या कोरोनावायरस वृद्ध लोगों या बच्चो को ज्यादा प्रभावित करता है ?
नए कोरोनावायरस से सभी उम्र के लोग संक्रमित हो सकते हैं लेकिन ऐसे लोग जिनको इम्युनिटी पहले से ही कमजोर हो और वह पूर्व से ही उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह आदि बीमारियों से ग्रसित हो तो उनमें वह काफी घातक तक रूप दिखाता है |
क्या एन्टिबायोटिक्स कोरोना वायरस को रोकने में प्रभावी है ?
एंटीबायोटिक्स, कोरोनावायरस के इलाज में कारगर नहीं है क्योंकि एंटीबायोटिक्स वायरस के खिलाफ काम नहीं कर पाते हैं और कोरोना भी एक वायरस जनित रोग है इसलिए कोरोनावायरस के इलाज में एंटीबायोटिक कारगर नहीं है | एक बार हॉस्पिटल में कोरोना वायरस के संक्रमण के पश्चात भर्ती किया जाता है तो वहां पर उस संक्रमित का उपचार एंटीबायोटिक्स के द्वारा किया जाता है क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई और ऑप्शन नहीं है और वायरस के संक्रमण के पश्चात जो अन्य प्रकार की जटिलताएं उत्पन्न होती हैं उनके उपचार के साधन के रूप में एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है |
क्या भारत में कोरोनावायरस का इलाज ढूंढ लिया है ?
अब तक के अध्ययन के आधार पर ऐसा साबित नहीं हो सका है कि कोरोनावायरस का पूरी दुनिया या भारत में कहीं पर भी कोई इलाज खोज लिया गया है |जहां पूरी दुनिया कोरोनावायरस की इलाज और उससे बचने के तरीकों को ढूंढने के लिए जूझ रही है , वहीं कुछ भारतीय डॉक्टरों ने एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया की दवा के मिश्रण से कोरोनावायरस के रोगियों का इलाज करने में कुछ हद तक सफलता प्राप्त की है | भारत में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन करने हेतु भारत सरकार ने भी एडवाइज़री दिशा-निर्देश जारी किए हैं |
क्या अमेरिका ने कोरोना का इलाज ढूंढ लिया है?
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि अमेरिका ने कोरोना का इलाज ढूंढ लिया है और वह आने वाले रविवार को उस दवा की लॉन्चिंग कर देगा | ऐसा बिल्कुल भी सही नहीं है | अब तक किसी भी देश के द्वारा कोरोना का इलाज नहीं खोजा गया है और अभी हाल ही में अमेरिका इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है तो अगर ऐसा होता तो वह किसी दिन का इंतजार करने की वजह अपने लोगों की जान बचाने की कोशिश करता | सारे देश मिलकर कोरोना का इलाज ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं और हमें उम्मीद करनी चाहिए कि जल्द ही कोरोना का इलाज ढूंढ लिया जायेगा |